सिद्क़ सादिक़ का तसद्दुक़ सादिकुल इस्लाम कर बे गज़ब राज़ी हो काज़िम और रज़ा के वास्ते आप की पैदाइश :- हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु की विलादत बसआदत 17, रबीउल अव्वल बरोज़ पीर के दिन 80, हिजरी या 83, हिजरी मदीना शरीफ में हुई, मेंआप हज़रत सय्यदना इमाम मुहम्मद बाक़र...
“माहे रजाबुल मुरज्जब मुबारक हो” “रजब” का माना है ताज़ीम करना,अहले अरब इस महीने की ख़ास ताज़ीम किया करते थे, इस को अल असब भी कहते हैं यानी तेज़ बहाव, इस माहे मुबारक में तौबा करने वालो पर रहमत का बहाव तेज़ हो जाता और इबादत करने वालो पर क़ुबूलियत के...
“सिद्दीक़े अकबर का इसमें गिरामी” आप के नाम के बारे में तीन क़ौल हैं, पहला क़ौल अब्दुल्लाह बिन उस्मान :- आप रदियल्लाहु अन्हु का नाम “अब्दुल्लाह बिन उस्मान” चुनाचे हज़रत सय्यदना अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैर रदियल्लाहु अन्हु अपने वालिद से रिवायत करते हैं के...
हज़रत ख़्वाजा शैख़ सुल्तान बाहू रहमतुल्लाह अलैह के खुलफ़ा व अज़वाज व औलाद, आप ने हक़ का रास्ता दिखा दिया :- एक बार हज़रत शैख़ सुल्तान बाहू रहमतुल्लाह अलैह शाह राह (सड़क) पर लेते हुए थे के गैर मुस्लिमो का एक गिरोह गुज़रा उन में से एक ने बतौरे हिकारत आप को ठोकर मारी और कहा: हमें...
सूफ़ियाए किराम का फैज़ान :- सूबाए पंजाब (पाकिस्तान) जिन में सूफ़ियाए किराम ने अपने इल्मों अमल और हुसने अख़लाक़ से हज़ारों लोगों को मज़हबे इस्लाम में दाखिल किया, उन्होंने कुफ्र के अंधेरों से निकाल कर उनके दिलों को नूरे ईमान से मुनव्वर किया, इस्लामी तालीमात को आम किया और...
हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की कशफो करामात और आप की औलादे अमजाद व खुलफ़ा, हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह रहमतुल्लाह अलैह का तसर्रुफ़ :- हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह रहमतुल्लाह अलैह की करामातों में से एक बहुत बड़ी करामत ये भी है के आप ने तीन चार साल से...
आप का तआरुफ़ :- सेंटरल एशिया के अंदर मावरा उन्नहर में उज़्बेकिस्तान रशिया के स्टेट सूबों के अंदर नक्शबंदी सिलसिले को जो उरूजो तरक़्क़ी व शोहरत मिली है वो “”हज़रत ख़्वाजा बहाउद्दीन नक्शबंदी रहमतुल्लाह अलैह”” ने दी है, और हिंदुस्तान के अंदर जो बानी हैं...
(1)सिलसिलए आलिया साबिरिया चिश्तिया के मशाइखे इज़ाम की तफ्सीली जानकारी :- सिलसिलए चिश्तिया के सरबराह इमामुल असफिया व आरफीन, मुजतहिद व फ़क़ीह हज़रत सय्यदना हसन बसरी रदियल्लाहु अन्हु की ज़ाते मुबारक है, आप की इस फ़ज़ीलत व बुज़ुरगी का सबब इमामुल मुत्तक़ीन अमीरुल मोमिनीन बाबे शहरे...
पेशे लफ्ज़ :- पांचवी सदी हिजरी में जो बा कमाल मशाहीर आसमाने इल्मों फ़ज़ल के रौशन सितारे बनकर चमके उनमे “हुज्जतुल इस्लाम हज़रत सय्य्दना इमाम ग़ज़ाली रहमतुल्लाह अलैह” बहुत नुमाया और मुमताज़ हैसियत रखते थे, आप को मुख्तलिफ उलूमो फुनून में महारते ताम्मा हासिल थी,...