ख्वाजाये हिन्द वो दरबार है आला तेरा कभी महरूम नहीं मांगने वाला तेरा अल्लामा हसन राजा खान अलैहिर्रहमा नाम व नसब :- अताए रसूल, सुल्तानुल हिन्द ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन संजरी चिश्ती अजमेरी रहमतुल्लाह अलैह नजीबुत्तरफेन सय्यद थे आपके वालिद माजिद हज़रत ख्वाजा गियासुद्दीन आलिम व...
सवाल :- नूह अलैहिस्सलाम की विलादत, हज़रते आदम अलैहिस्सलाम के इन्तिक़ाल के कितने दिनों बाद हुई?जवाब :- इब्ने जरीर ने बयान किया है :हज़रते आदम अलैहिस्सलाम के विसाले हक़ के एक सौ छब्बीस साल बाद हज़रते नूह अलैहिस्सलाम पैदा हुए सवाल :- नूह अलैहिस्सलाम के वालिद और दादा का...
सवाल :- हाबील और क़ाबील के साथ जो लड़किया पैदा हुई थी उनके नाम क्या थे ?जवाब :- हज़रत हव्वा रदियल्लाहु अन्हा के हर हमल में एक लड़का और लड़की पैदा होते थे | क़ाबील के साथ जो लड़की हुई उसका नाम “अक़लीमा” था और हाबील के साथ जो लड़की हुई उसका नाम “लयोदा”...
सवाल :- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम का नाम “आदम” क्यों हुआ ?जवाब :- आपका नाम “आदम” होने की कई वुजूहात हैं तरजुमानुल क़ुरान हज़रत इब्ने अब्बास रदियल्लाहु अन्हुमा फरमाते हैं कि आपका नाम आदम इस मुनासिबत से है कि गंदमी रंग की ज़मीन से वो मिटटी ली गयी थी...
सवाल :- अस्हाबे कहफ़ की तादाद कितनी है और उनके नाम क्या हैं? जवाब :- ये सात हज़रात थे उनके नाम नीचे लिखे है मक्सलमीना यमलीखा मरतुनुस बेनूनूससारेनूनूसजुनवानुस कश्फीत तनूनूस ( ख़ज़ाईनुल इरफ़ान) और हाशिया जलालैन सफा नंबर 243 पर उनके नाम इस तरह हैं : यमलीखामकसलमीनामश्लीनामरनुष...
अक़ीदा :- ये आग से पैदा किये गए है इनमे भी बाज़ को ये ताक़त दी गई है के जो शक्ल चाहे बन जाये उनकी उम्रे बहुत तवील (लम्बा) होती है उनके शरीरो को शैतान कहते है ये सब इंसान की तरह ज़ीअक़्ल और अरवाह व अजसाम वाले है उनमे तावलीदो तनासुल होता है खाते पीते जीते मरते है अक़ीदा :-...
अक़ीदा :- फ़रिश्ते अजसामे नूरी है अल्लाह तआला ने उनको ये ताक़त दी है के जो शक्ल चाहे बन जाये कभी वो इंसान की शक्ल में ज़ाहिर होते है और कभी दूसरी शक्ल में | अक़ीदा :- वो वही करते है जो हुक्मे इलाही है खुदा के हुक्म के खिलाफ कुछ नहीं करते न क़सदन न खताअन वो अल्लाह के मासूम...
हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम की मोहब्बत असल ईमान बल्क़ि ईमान उसी मोहब्बत ही का नाम है जब तक हुज़ूर की मोहब्बत माँ, बाप, औलाद और सारी दुनिया से ज़्यादा न हो आदमी मुसलमान हो ही नहीं सकता की मुहम्मद से वफ़ा तूने तो हम तेरे है ये जहाँ चीज़ क्या है लहो क़लम तेरे हैBy –...
पेशे हक़ मुज़्दा शफ़ाअत का सुनाते जायेंगे आप रोते जायेंगे हमको हंसाते जायेंगे वुसअतें दी हैं खुदा ने दामने मेहबूब को जुर्म खुलते जायेंगे और वो छुपाते जायेंगेBy – Aala Hazrat Imam Ahmed Raza अक़ीदा :- हज़रत मुहम्मद सल्लाल्ल्हु अलैहि वस्सलम के अलावा दुसरे नबियो को किसी...